BTS V URDU POETRY FUNDAMENTALS EXPLAINED

bts v urdu poetry Fundamentals Explained

bts v urdu poetry Fundamentals Explained

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 has become streaming on Netflix, and it is time to give this criminally underrated 2016 comedy the streaming lifetime it so warrants. Written because of the Lonely Island comedy trio—aka Saturday Evening Stay

پیارے نبی حضرت محمد ﷺ کی ولادت کونسے اسلامی مہینے میں ہوئی؟

After we Incorporate two AC currents they may not match appropriately, and it can be extremely tough to figure out the new existing.

کس ریاست نے فاطہ شیخ کے بارے میں اردو نصابی کتاب میں شمولیت کی؟

وہ جو اپنے آپ کو نورِ حور سمجھ بیٹھے ہیں کون جانتا تھا انہیں میری محبت سے پہلے

इंतज़ार करते हुए अवसर हमें अवधारणा कराते हैं कि जीवन बहुत आगे बढ़ चुका है, हमें प्रभावित औऱ उत्साहित करते हैं, और हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।

यह शे’र ग़ालिब के मशहूर अशआर में से एक है। इस शे’र में जितने सादा और आसान अलफ़ाज़ इस्तेमाल किए गए हैं, उतनी ही ख़्याल में संजीदगी और गहराई भी है। आम पढ़ने वाला यही भावार्थ निकाल सकता है कि जब कुछ मौजूद नहीं था तो ख़ुदा का अस्तित्व मौजूद था। अगर ब्रह्मांड में कुछ भी न होता फिर भी ख़ुदा की ज़ात ही मौजूद रहती। यानी ख़ुदा की ज़ात को किसी बाहरी वस्तु के अस्तित्व की ज़रूरत नहीं बल्कि हर वस्तु को उसकी ज़ात की ज़रूरत होती है। दूसरे मिसरे में यह कहा गया है कि मुझको अपने होने से यानी अपने ख़ुद के ज़रिए नुक़्सान पहुँचाया गया, अगर मैं नहीं होता तो मेरे अपने अस्तित्व की प्रकृति न जाने क्या होती।

हमा-ओस्त समूह से ताल्लुक़ रखने वाले सूफियों का कहना है कि चूँकि ख़ुदा ख़ुद फ़रमाता है कि मैं ज़मीन और आस्मानों का नूर हूँ ">more info इसलिए हर चीज़ उस नूर का एक हिस्सा है।

رحم کر ظالم کہ کیا بود چراغ کشتہ ہے رحم کر ظالم کہ کیا بود چراغ کشتہ ہے

खुद को प्रेरित करने के लिए यहां शेरों का उपयोग करें।

Attitude isn’t only a phrase—it’s a mirrored image of who you might be and how you have you from the confront of lifetime’s ups and downs. In India, shayari has very long been a cherished medium to express An array of thoughts, from unshakeable confidence to defiant independence.

हार नहीं मानने का तेरा इशारा हमें प्रेरित करेगा।

इस शे’र के असली मानी को समझने के लिए तसव्वुफ़ के दो बड़े सिद्धांतों को समझना ज़रूरी है। एक नज़रिए को हमा-ओस्त यानी सर्वशक्तिमान और दूसरे को हमा-अज़-ओस्त या सर्वव्यापी कहा गया है। हमा-ओस्त के मानी ''सब कुछ ख़ुदा है'' होता है। सूफ़ियों का कहना है कि ख़ुदा के सिवा किसी चीज़ का वजूद नहीं। यह ख़ुदा ही है जो विभिन्न रूपों में दिखाई देता है। हमा-अज़-ओस्त के मानी हैं कि सारी चीज़ें ख़ुदा से हैं। इसका मतलब है कि कोई चीज़ अपने आप में मौजूद नहीं बल्कि हर चीज़ को अपने अस्तित्व के लिए अल्लाह की ज़रूरत होती है।

व्यक्तिगत विकास हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण पहलू है। हम सभी प्रगति करना चाहते हैं, अपने क्षमताओं को विकसित करना चाहते हैं और अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ना चाहते हैं। व्यक्तिगत विकास के लिए अभियांत्रिकी भी अहम एवं उपयुक्त है, जो हमें अपने संघर्षों, विपरीतताओं और विफलताओं के साथ निपटने की सामर्थ्य प्रदान करती है।

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